1-गलती सबको खलती है अतः इसे शीघ्र नाशे।
2-राग की आग,चित्त को जलाती है।
3-मिथ्याकल्पना में जीना अर्थात स्वयं को धोका देना।
4-मिथ्यानुमान,इंसान को जीने नहीं देता है।
5-जरूरी कार्य मजबूरी लगें तो समझना,दुर्दिन आने वाले हैं।
6-कोई आपसे दुखी रहे,ये आपके लिए शर्म की बात है।
7-पाप में सुखबुद्धि,पाप में ग्लानि भी खत्म कर देती है।
8-मोह से हारना नहीं है,हमें हर कीमत पर उसे मारना ही है।
9-भावुकतापूर्ण कार्य,जीवन भर पछताने का मौका देते हैं।
10-पछताने के पहले सोच लें तो सोचने के बाद पछताना नहीं पड़ता है।
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